68 दिनों के बाद एसीसी और बीडीटीएस के ट्रक ऑपरेटरों के बीच ट्रायल रन शुरू, विवाद हुआ ख़तम

(बिलासपुर) हिमाचल प्रदेश में अदाणी समूह के दो सीमेंट उद्योगों के बीच माल भाड़े को लेकर चल रहे विवाद पर अब 68 दिन के आंदोलन के बाद विराम लग गया है। मंगलवार को एसीसी सीमेंट उद्योग ने बीडीटीएस के ट्रक आपरेटरों को 2000 मीट्रिक टन का क्लिंकर व सीमेंट देकर दोनों के बीच एक ट्रायल रन शुरू कर दिया है, ताकि कंपनी को विधिवत रूप से शुरू करने की दिशा में कार्य किया जा सके।
पहले दिन एसीसी कंपनी की तरफ से बीडीटीएस के ट्रक आपरेटरों को नए माल भाड़े के हिसाब से करीब 170 ट्रकों को ढुलाई का ऑर्डर दिया। कंपनी में ढुलाई के लिए पहुंचे पहले ट्रक का विधिवत स्वागत किया गया और माल भरकर उसे मिठाई बांटकर रवाना किया गया।
दूसरे राज्यों से लौटे कर्मी और अधिकारी
सोमवार को सरकार द्वारा एसीसी कंपनी को शुरू करने के ऐलान के बाद कंपनी के कर्मचारियों व अधिकारियों को वापस काम पर लौटने के आदेश हो गए थे। मंगलवार को सुबह से ही कंपनी के अंदर कर्मचारियों के पहुंचने का दौर शुरू हो गया था। कर्मचारियों के उद्योग में पहुंचने पर लड्डुओं के साथ स्वागत किया गया और उनकी वापस ज्वाइनिंग के कागज भरवाकर उन्हें काम पर भेजा गया।
दिनभर चलती रही सफाई व मरम्मत
माल भाड़े को लेकर 68 दिनों तक चले आंदोलन के बाद मंगलवार को सुबह तड़के ही कंपनी के गेट खुल गए थे। उसके बाद सिक्योरिटी कंपनी के कर्मियों ने मोर्चा संभाला और उसके बाद सफाई कर्मियों ने पूरे परिसर में फैली गंदगी को साफ किया। उसके बाद कर्मचारियों ने मशीनरी व दफ्तरों में साफ सफाई सहित मशीनों व उपकरणों को दोबारा से शुरू किया गया। मंगलवार को मशीन को शुरू करने से पहले विधिवत पूजा की गई और कंपनी की बड़ी मशीनों को भी उत्पादन के लिए ट्रायल बेस पर शुरू किया गया। हालांकि अभी उत्पादन को शुरू करने के लिए कुछ समय और भी लग सकता है, लेकिन उससे पहले मशीनरी की मरम्मत के साथ साथ सफाई का कार्य चल रहा है।
सड़कों पर उतरे ट्रक
मंगलवार को बिलासपुर की सड़कों पर एक बार फिर बीडीटीएस के ट्रक उतर गए हैं। कंपनी की तरफ से ट्रकों को ढुलान का ऑर्डर दिया गया और उन्हें पंजाब व हिमाचल के अन्य क्षेत्रों में आपूर्ति के लिए भेजा गया है। कंपनी प्रबंधकों ने बताया कि उनके पास कई टन सीमेंट व क्लिंकर का ऑर्डर पेंडिंग है, जिसके लिए मंगलवार को ढुलान शुरू कर दिया है। सड़कों पर ट्रकों की मौजूदगी से दिन भर लोगों के बीच यह विवाद सुलझने का मुद्दा चर्चा बना रहा।
चंडीगढ़ की दूरी अब फिर हुई लंबी
बरमाणा से चंडीगढ़ की तरफ नियमित रूप से चलने वाले वाहनों के लिए अब एक बार फिर चंडीगढ़ पहुंचने में एक घंटे की दूरी का सामना करना पड़ सकता है। विगत दो महीनों से ट्रकों के पहिए थमने से बरमाणा व किरतपुर की तरफ यातायात बिना ट्रैफिक जाम के जारी था। मंगलवार से ट्रक शुरू होने से एक बार फिर सड़कों पर ट्रकों की संख्या अचानक बढ़ी हुई नजर आई और वाहन चालकों के बीच यह चर्चा का विषय बना रहा। दो महीनों से चंडीगढ़ व किरतपुर तक पहुंचने में करीब एक घंटे का अंतर नजर आ रहा था, लेकिन अब ट्रक शुरू होने से एक बार फिर एक घंटा देरी का सामना परिवहन निगम व निजी बस चालकों को करना पड़ेगा।
60 फीसदी ट्रकों की बैटरियां खराब
ट्रक आपरेटरों ने बताया कि उन्हें माल भाड़े में तो कमी का सामना करना पड़ा है, लेकिन इसके साथ ही ट्रकों की बैटरियों ने भी दो महीने खड़े रहने के चलते अब जवाब दे दिया है।ट्रक आपरेटर राजेश ठाकुर ने बताया कि एक ऑपरेटर को ट्रकों की यह बैटरी करीब दस हजार में पड़ती है। ऐसे में अब उनपर बैटरियों का और खर्चा पड़ गया है। बीडीटीएस में दो महीनों से खड़े ट्रकों को शुरू करने पर लगभग 60 फीसदी ट्रकों की बैटरियां खराब पड़ गई हैं, वहीं कुछ ट्रकों से बैटरियां चोरी होने की जानकारी भी है।