उच्च न्यायालय से लेकर तालुका न्यायालयों तक नेशनल लोक अदालत का आयोजन 9 दिसम्बर को

(जबलपुर) राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली के निर्देशानुसार प्रदेश में शनिवार 9 दिसम्बर को उच्च न्यायालय स्तर से लेकर जिला न्यायालयों, तालुका न्यायालयों, श्रम न्यायालयों एवं कुटुम्ब न्यायालयों तक नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया जायेगा। नेशनल लोक अदालत में न्यायालयीन लंबित दीवानी एवं आपराधिक शमनीय मामलों एवं बैंक, विद्युत, श्रम, जलकर, संपत्तिकर आदि प्री-लिटिगेशन प्रकरणों सहित सभी प्रकार के मामले निराकरण हेतु रखे जायेगें।   मध्यप्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जबलपुर के अतिरिक्त सचिव मनोज सिंह के अनुसार नेशनल लोक अदालत में विद्युत अधिनियम के लंबित प्रकरणों में निम्नदाव श्रेणी के समस्त घरेलू, समस्त कृषि, 5 किलोवाट भार तक के गैर घरेलू, 10 अश्वशक्ति भार तक के औद्योगिक उपभोक्ताओं को आंकलित सिविल दायित्व की राशि पर 20 प्रतिशत एवं आंकलित राशि के भुगतान में चूक किये जाने पर निर्धारित आदेश जारी तिथि से 30 दिवस की अवधि समाप्ति पश्चात 16 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से लगने वाले ब्याज की राशि पर 100 प्रतिशत की छूट दी जायेगी । इसी प्रकार प्री-लिटिगेशन प्रकरणों में आंकलित सिविल दायित्व की राशि पर 30 प्रतिशत एवं आंकलित राशि के भुगतान में चूक किये जाने पर निर्धारित आदेश जारी तिथि से 30 दिवस की अवधि समाप्ति पश्चात बाद 16 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से लगने वाले ब्याज की राशि पर 100 प्रतिशत की छूट दी जायेगी।    नेशनल लोक अदालत में मध्यप्रदेश नगर पालिका अधिनियम के अंतर्गत अधिरोपित संपत्ति कर एवं जलकर के प्री-लिटिगेशन प्रकरणों में बकाया राशि अनुसार अधिभार में शर्तों के अधीन 25 से 100 प्रतिशत तक की छूट घोषित की गई हैं। यह छूट 9 दिसम्बर की लोक अदालत के लिये ही दी गई है । इसके बाद ये छूट समाप्त हो जायेगी । राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के अतिरिक्त सचिव ने न्यायालय में लंबित तथा प्री-लिटिगेशन प्रकरणों अथवा विवादों का उचित समाधान कर आपसी सहमति से लोक अदालत में निराकरण कराने के इच्छुक सभी पक्षकारों से संबंधित न्यायालय अथवा उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति या जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से सम्पर्क कर अपना मामला लोक अदालत में रखे जाने हेतु अपनी सहमति देने का अनुरोध किया है । उन्होंने इसे पक्षकारों से सभी जरूरी कार्यवाही 9 दिसम्बर के पहले पूर्ण करा लेने का आग्रह भी किया है, ताकि सुविधानुसार मामला नेशनल लोक अदालत में विचार में लेकर निराकृत किया जा सके। क्रमांक/3980/दिसम्बर-46/

 

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