शैक्षणिक गुणवत्ता के सार्थक परिणामो हेतु टीमवर्क भावना से कार्यो का संपादन करें-कलेक्टर
पहले खुद समझे फिर दूसरो को समझाएं
(विदिशा) आकांक्षी ग्राम परियोजना एवं प्रोजेक्ट दक्ष के तहत दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान, डाइट में आयोजित किया गया था।
समापन कार्यक्रम में कलेक्टर श्री बुद्धेश कुमार वैद्य, जिला पंचायत सीईओ डाॅ योगेश भरसट तथा प्रभारी डीपीसी व संयुक्त कलेक्टर श्रीमती शशि मिश्रा के अलावा जिला शिक्षा अधिकारी, डाइट प्रिंसिपल तथा समस्त बीईओ, बीआरसी, बीएसी, एमआईएस समन्वयक, जन शिक्षक व एपीसी मौजूद रहे।
कलेक्टर श्री बुद्धेश कुमार वैद्य ने जिले में कक्षा आठवीं तक के विद्यार्थियों के शैक्षणिक उन्नयन के लिए शिक्षा नीति के अनुरूप किए जाने वाले प्रबंधो के सापेक्षित परिणाम परलिक्षित हो। उन्होंने कहा कि कक्षा पहली से विद्यार्थियों की शैक्षणिक बुनियाद की शुरूआत होती है और यह जितनी मजबूत होगी उतना ही आगे बच्चो का मानसिक व शैक्षणिक ग्रोथ बढेगा। कलेक्टर श्री वैद्य ने गतवर्ष के शैक्षणिक परिणामो के प्रति खेद प्रकट करते हुए कहा कि शत प्रतिशत बच्चे परीक्षा में शामिल नहीं होना और उत्तीर्ण नहीं होना यह सब हमारी कार्यप्रणाली को रेखांकित करती है। हमारे द्वारा इस प्रकार की समस्याओं के निदान हेतु क्या रणनीति तय की गई है उस रणनीति का क्रियान्वयन कैसे कब, किया गया है और आमजनमानस खासकर बच्चांे के अभिभावको को विश्वास में कैसे लिया गया है।
कलेक्टर श्री वैद्य ने सदोउदाहरण देते हुए शासकीय प्रक्रियाओें के क्रियान्वयन में खासकर अध्यापन कार्यो में कैसे धीरे-धीरे सुप्तय होते जाते है को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि जिले में बच्चों की बुनियाद मजबूत हो वे शैक्षणिक विधाओं मंे पीछे ना रहें इसके लिए सत्र शुरू होने से पहले हरेक गुरूजी के साथ-साथ अन्य का दायित्व है कि हर बच्चें की गतिविधियों पर नजर रखे और उन्हंे अध्यापन कार्यो की ओर अभिप्रेरित करें। उन्होंने अध्यापन कार्यो को रोचकतापूर्व प्रस्तुतिकरण की ओर प्रकाश डालते हुए कहा कि बच्चों मंे रूझान बढे कि वे स्वंय स्कूल की ओर अग्रसर हो। ऐसे समुदाय वर्ग विशेष जो व्यवसाय के कारण इधर-उधर भटकाव करते है उनके लिए क्या रणनीति तय की जाए ताकि जिले के सत्र प्रतिशत विद्यार्थी स्कूलो में उपस्थित हो और परीक्षाओं में सम्मिलित होकर अच्छे परिणामो की सूचियों में विदिशा जिला सम्मिलित हो सकें।
कलेक्टर श्री वैद्य ने कहा कि प्राथमिक शिक्षा पद्धति को हम कैसे रोचक बनाएं इस ओर लगातार नवाचार हो रहे है जिले की भौगोलिक परिस्थति को ध्यानगत रखते हुए हम इन नवाचारो का क्रियान्वयन करें। उन्होंने कहा कि भ्रमण के दौरान कई स्कूलो में जाकर देखा गया है कि समय पर शिक्षक उपस्थित नहीं हो रहे है इस कारण से बच्चो का भी स्कूल से भटकाव होता है। प्राथमिक स्तर पर ही बच्चों में अक्षर ज्ञान, मात्रा ज्ञान, भाषा ज्ञान जैसी वेस मजबूत क्षमताएं उन्नत हो ताकि वे प्रारंभिक शिक्षा के बाद उच्च शिक्षा की ओर अग्रसर होते है तो अपने आपको कमजोर ना समझें।
कलेक्टर श्री वैद्य ने प्रशिक्षण में सम्मिलितों का माॅटिवेशन करते हुए उन्हांेने कहा कि तुलनात्मक जो जानकारियां दी गई है उन पर मनन जरूर करें और अपनी कमजोरियों को दूर करें ताकि आने वाले समय में बच्चों को बेहतर शैक्षणिक परिवेश मिल सकें। यहां पर जो जानकारी दी गई है वो अपने कार्यो में पर्णित करें। बच्चों और समाज के लिए हम क्या बेहतर दे सकते है यह चिंतनीय और विचारणीय विषय है जिन पर सोच समझ परख असीमित है।
इससे पहले पांचवी और आठवीं की बोर्ड परीक्षाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले टाॅपटेन स्कूलो के बीआरसी, बीईओ के द्वारा उत्कृष्ट प्रदर्शन की प्राप्ति के लिए क्या-क्या प्रबंध किए गए और उनका क्रियान्वयन कैसे किया गया के अनुभवो को उनके द्वारा सांझा किया गया। इसी प्रकार औसत से कम परीक्षा परिणाम देने वाले स्कूलो के द्वारा भी कमियों को रेखांकित किया गया है।
जिला पंचायत सीईओ डाॅ योगेश भरसट ने शैक्षणिक गुणवत्ताआंे के सुधार और लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए अनेक उपायो को रेखांकित करते हुए कहा कि सबसे पहले लक्ष्य प्राप्ति का प्लान हो। शिक्षा में गुणवत्ता में सुधार लाकर बच्चों की समझ डेब्हलप हो इसके लिए संसाधनो का चयन करना, बच्चों की कार्य क्षमता में उन्नयन हो। वहीं अध्यापन कार्यो को संपादन कराने वाले अपडेट रहें इसके लिए आवश्यकता के अनुसार समय अंतरालो पर प्रशिक्षण की आवश्यकता, विषयो के अध्यापन कार्य हेतु नवीन तकनीकी, बच्चो को स्मार्ट बनाने के उपाय वहीं बीईओ, बीआरसी सहित अन्य के द्वारा औसतन से कम परीक्षा परिणाम को रेखांकित किए गए कारणो का निदान बताते हुए उन्होंने जिले के अनुसूचित जाति, जनजाति वर्ग के बच्चों पर विशेष ध्यान देने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि सम्पूर्ण शैक्षणिक कार्यक्रमो में बालिकाएं पीछे ना रहे का भी विशेष ध्यान रखा जाए। उत्कृष्ट परीक्षा परिणाम देने वालो को पुरस्कृत करने तथा वाॅटम में शामिल को शोकाॅज नोटिस जारी करने के निर्देश उन्होंने दिए है।
समीक्षात्मक बैठक में स्कूलो की उपलब्धता, उनमें दर्ज बच्चों की संख्या, स्वीकृत एवं भरे पदो की जानकारी, प्रारंभिक शिक्षा के तुलनात्मक वार्षिक जानकारियां, रिपोर्ट कार्ड, प्राथमिकता के दस बिन्दु ग्रेडिंग सुधार हेतु कक्षा पांचवीं एवं आठवीं में एक प्लस ग्रेड प्राप्त करने वाले छात्रों का प्रतिशत, बोर्ड परीक्षा मंे त्रुटिरहित मूल्यांकन, एफएलएन कक्षाआंे का संचालन, विभिन्न छात्रावासो की रैकिंग सूची में वृद्धि, यू डाईस गत वर्ष की तुलना मंे कुल नामांकन शासकीय तथा निजी स्कूलो की स्थिति, कक्षा एक नामांकन की स्थिति, कक्षावार ट्रांजीशन की स्थिति, अद्योसंरचना के गैप्स की स्थिति, यू डाईस सीडब्ल्यूएसएन चिन्हांकन की स्थिति, शाला स्तर पर उपलब्ध राशि के उपयोगिता की स्थिति, वित्तीय वर्ष 2023-24 में उपलब्ध राशि के विरूद्व व्यय की स्थिति तथा क्रय तथा भुगतान की स्थिति, स्मार्ट क्लाॅस रूम, आईसीटी, बीआरसी, हाई परफार्मेस पीसी, जेएसके, लायब्रेरी, फर्नीचर, सीडब्ल्यूएसएन, टीएलएम किट, सीएसी तथा बीआरसी के लिए माॅनिटरिंग टेबलेट पिछले दस वर्षो से लंबित अग्रिमो का समायोजन, जिले का परीक्षा परिणाम, प्रदेश स्तरीय जारी रैकिंग सूची, अद्योसंरचनाओं के तहत संपादित कराए जाने वाले निर्माण कार्यो, 15 जून से पूर्व प्राथमिक कक्षाओं के प्रारंभ व संचालन, चयनित विद्यालयो में पूर्व प्राथमिक कक्षाओं के संचालन का स्वरूप, सिविल वर्क सहित मिशन अंकुर एवं अन्य बिन्दुओं की जानकारी पावर प्रेजेन्टेशन के माध्यम से प्रस्तुत की गई।