देश ही नहीं दुनिया में हैं मुहांस के डाॅक्टर हनुमान के चर्चे, मंगलवार-शनिवार लगता है भक्तों का मेला

अद्भुत रहस्य, जड़ी चवाने से जुड़ जाती हैं टूटी हड्डियां

(कटनी/रीठी) यूं तो हनुमानजी सभी कष्टों को दूर करने वाले भगवान हैं, लोग उन्हें कलयुग में अजर-अमर भगवान मानते हैं। इसी मान्यता से जुड़ा कटनी जिले के रीठी तहसील मुख्यालय से महज तीन किलोमीटर की दूरी पर स्थित ग्राम पंचायत मुहांस में बेहद प्रसिद्ध हनुमानजी का मंदिर है। जहां विराजमान भगवान एक चिकित्सक के रूप में भक्तों का कष्ट हर रहे हैं। लोगों की श्रद्धा है कि अस्थिभंग वाला कोई भी मरीज यहां आकर लाभ पाता है।

रीठी के समीप मुहांस स्थित हनुमान मंदिर में लोग दर्द से कराहते हुए आते हैं और मुस्कुराहट लेकर जाते हैं। मान्यता है कि टूटी हुई हड्डियां सिर्फ जड़ी चवाने से अपने आप जुड़ जाती है। मुहांस मंदिर में विराजे हनुमानजी को आर्थोपेडिक स्पेशलिस्ट भी कहा जाता है। अस्थि रोग, फेक्चर आदि से पीड़ितों की यहां वैसे ही कतार लगती है, जैसे किसी आर्थोपेडिक सर्जन या फिर स्पेशलिस्ट (हड्डी रोग विशेषज्ञ) के दवाखाने में। किसी बड़े डाक्टर दवाखाने से भी कई गुना भीड़ यहां रोज लगती है। शनिवार और मंगलवार को तो यहां भक्तों का तांता लगा रहता है, परिसर में पैर रखने तक की जगह नहीं रहती है।

ये होता है नजारा
हनुमान मंदिर पर रोजाना नजारा अनूठा होता है। कोई किसी को स्ट्रेचर पर लाता है, तो कोई पीठ या एम्बुलेंस में लेकर पहुंचता है। किसी का हाथ टूटा होता है तो किसी का पैर या फिर शरीर में अन्य जगह फेक्चर से कराहता पहुंचता है। सभी के मन में एक ही आस होती है कि हनुमानजी सब ठीक कर देंगे। उनका विश्वास कसोटी पर खरा भी उतरता है, तभी तो लोगों ने यहां के हनुमानजी को हड्डी जोड़ने वाले डॉक्टर हनुमान की उपाधी प्रदान कर दी है।

देखा गया कि मंदिर के पंडा सरमन लाल पटेल सभी को आंख बंद करने को कहते हैं। सभी को केवल राम नाम का जाप करने को कहा जाता है। आंख बंद रहने के दौरान ही पंडा और उनके सहयोगी जन द्वारा पीड़ितों को कोई औषधि खिलाते हैं। जड़ रूपी इस औषधि को खूब चबाकर खा जाने की सलाह दी जाती है। औषधि खाते ही सभी को विदा कर दिया जाता है। यहां बस इतना ही इलाज है। पंडा सरमन लाल का दावा है कि इस औषधि को खाने और हनुमानजी के प्रताप से टूटी हड्डियां अपने आप जुड़ जाती हैं।

दूर-दूर से आते हैं लोग
स्थानीय निवासी सुनील पटेल, संतोष पटेल, पुजारी अवधेश दुबे बताते हैं कि इस मंदिर की ख्याति पूरे देश में है। जब लोग डाक्टर के यहां इलाज कराकर निराश हो जाते हैं, तब यहां डाक्टर हनुमान की शरण में आते हैं। आने वालों में गुजरात, राजस्थान, यूपी, बिहार सहित अन्य राज्यों के लोग भी शामिल हैं। खास बात तो यह है कि मंदिर में इलाज और औषधि के लिए कोई शुल्क निर्धारित नहीं है। व्यक्ति की जो श्रद्धा बनती है, वह दानपेटी में अर्पित कर देता है। कहते है इस हनुमान जी के मंदिर में आज तक कोई भी व्यक्ति निराश होकर नहीं गया है।

✍️ (अजय त्रिपाठी)
RPKP INDIA NEWS
       विजयराघवगढ़

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