ग्राम कोठी की 13 महिलाओं को मिला प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत निःशुल्क गैस सिलेंडर और गैस चूल्हा
ग्राम कोठी की 13 महिलाओं को मिला प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत निःशुल्क गैस सिलेंडर और गैस चूल्हा
(कटनी)प्रधानमंत्री जन मन योजना के तहत चयनित ढीमरखेड़ा विकासखंड के ग्राम पंचायत कोठी के विशेष पिछड़ी जनजाति समूह बैगा और गोंड जाति की 13 महिलाओं को प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत निःशुल्क गैस कनेक्शन दिया गया , जिसमें गैस सिलेंडर और गैस चूल्हा भी शामिल हैं। ग्राम पंचायत कोठी में रहने वाले पी वी टी जी समुदाय के लोग लंबे समय से लकड़ी ,कंडे और अन्य पारंपरिक विधियों से चूल्हा में भोजन पकाते थे। जिससे न केवल समय लगता था,बल्कि इसके कई स्वास्थ्य और पर्यावरणीय दुष्प्रभाव भी थे। लेकिन विगत दिनों कलेक्टर श्री दिलीप कुमार यादव के निर्देश पर इस समुदाय की 13 महिलाओं को प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना से लाभान्वित किया गया। जिससे उनके घरों में अब एलपीजी गैस के चूल्हे पर अब खाना बनेगा । इस बदलाव से महिलाएं खासी खुश और उत्साहित हैं। इनमें से ममता बाई बैगा बतातीं है कि गैस चूल्हा पर खाना बनाने से धुआं नहीं निकलेगा, जिससे उनकी आंखों में आंसू नहीं आयेंगे और आंखें ख़राब भी नहीं होंगी। साथ ही बर्तन भी नहीं जलेंगे, जिससे उन्हें धोने और मांजने में पानी भी कम लगेगा। इसी तरह कविता बैगा कहतीं हैं गैस चूल्हा से फायदा बहुत है जिंदगी में सुविध मिल जाए तो जीवन सहज हो जाता है। लकड़ी का चूल्हा जलाने में भी बहुत बहुत दिक्कत होती है विशेष कर बरसात के मौसम में, लेकिन भला हो प्रधानमंत्री जी का जिन्होंने हम जैसे लोगों के बारे में सोचा और मुफ्त में गैस चूल्हा और गैस सिलेंडर दिया।लकड़ी से खाना बनाने में आंखो पर पड़ता हैं प्रभावबैंगा समाज, जो जंगलों के पास बसे हुए हैं, सदियों से भोजन पकाने के लिए लकड़ी पर निर्भर रहा है। परंपरागत रूप से वे अपने आसपास के जंगलों से लकड़ी एकत्रित करते थे और उसे जलाकर खाना पकाते थे। यह विधि जितनी पुरानी है, उतनी ही समस्याग्रस्त भी है। खाना पकाने के लिए लकड़ी का उपयोग करने से कई दिक्कतें आती हैं, जिनमें प्रमुख रूप से धुएं से होने वाली श्वसन समस्याएं, आंखों में जलन, जंगलों की कटाई और समय की बर्बादी शामिल हैं।लकड़ी से खाना पकाने के दौरान निकलने वाला धुआं खासकर महिलाओं और बच्चों के लिए अत्यधिक हानिकारक होता है। शोधों के अनुसार, ऐसे धुएं में पाए जाने वाले प्रदूषकों के कारण कई प्रकार की श्वसन संबंधी बीमारियां हो सकती हैं, जैसे कि अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और यहां तक कि फेफड़ों के कैंसर का खतरा भी। इसके अलावा, लकड़ी इकट्ठा करने में बहुत समय लगता है, जो महिलाओं और बच्चों की शिक्षा और अन्य घरेलू कार्यों को प्रभावित करता है। लकड़ी के लगातार उपयोग से जंगलों का भी नुकसान होता है। जंगलों से अधिक मात्रा में लकड़ी निकालने के कारण जंगलों की कटाई और पर्यावरण असंतुलन की समस्या पैदा होती है। इससे न केवल पर्यावरण पर बुरा असर पड़ता है, बल्कि वन्यजीवों के निवास स्थान भी खतरे में पड़ जाते हैं। ऐसे में प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत बैंगा समाज को गैस कनेक्शन मिलने से न केवल उनके स्वास्थ्य की सुरक्षा हुई, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी यह एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ है।इन्हें मिला लाभप्रधानमंत्री जन मन योजना के तहत पी वी टी जी बहुल गांव कोठी की जिन महिला हितग्राहियों को निःशुल्क गैस चूल्हा और गैस सिलेंडर दिया गया है। उनमें सुहाग बाई गोंड, निरंजना बाई, ममता गोंड,निशा चौधरी, इन्द्रवती बैगा,कुवरी बाईं बैगा,केश बाई बैगा,सतिया बाई बैगा, ममता बाई बैगा , श्याम बाई बैगा, कविता बैगा, शकुन बाई बैगा और पान बाई बैगा लाभार्थी हितग्राहियों में शामिल हैं।बैंगा समाज के जीवन में बदलावगैस कनेक्शन मिलने के बाद बैंगा समाज के लोगों के जीवन में कई बड़े बदलाव आए हैं। सबसे पहले, अब उन्हें खाना पकाने में लगने वाले समय में काफी कमी आई है। लकड़ी जलाने और उसे भोजन पकाने में जो समय लगता था, वह अब बहुत कम हो गया है। इससे परिवार के सदस्य, विशेष रूप से महिलाएं, अन्य उत्पादक कार्यों में समय दे पा रही हैं। दूसरा बड़ा बदलाव स्वास्थ्य के क्षेत्र में देखने को मिला है। पहले लकड़ी जलाने से निकलने वाला धुआं घर के अंदर भर जाता था, जिससे सांस की बीमारियां, आंखों की जलन, और त्वचा संबंधी समस्याएं आम थीं। लेकिन अब गैस से खाना पकाने के कारण ये समस्याएं काफी हद तक खत्म हो गई हैं। महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार आया है और वे अब धुएं से होने वाली परेशानियों से मुक्त हो गए हैं। इसके अलावा, एलपीजी के उपयोग से जंगलों की कटाई में भी कमी आई है। बैंगा समाज अब लकड़ी पर निर्भर नहीं है, जिससे जंगलों को बचाने में भी मदद मिल रही है। पर्यावरण संरक्षण की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है, जो न केवल स्थानीय वन्यजीवों को सुरक्षित रखेगा, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी एक स्थायी पर्यावरण सुनिश्चित करेगा।कलेक्टर की पहल सराहनीयग्राम पंचायत कोठी में बैंगा समाज को प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना का लाभ दिलाने में कलेक्टर श्री दिलीप कुमार यादव की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। उन्होंने सुनिश्चित किया कि इस योजना का लाभ उन सभी गरीब और वंचित परिवारों तक पहुंचे, जो अभी तक लकड़ी और अन्य पारंपरिक ईंधन पर निर्भर थे। इसके लिए उन्होंने स्थानीय अधिकारियों के साथ मिलकर एक व्यापक योजना बनाई और गांव-गांव जाकर लोगों को इस योजना के बारे में जागरूक किया। कलेक्टर श्री यादव ने इस बात पर भी ध्यान दिया कि गैस कनेक्शन मिलने के बाद इन परिवारों को नियमित रूप से सिलेंडर उपलब्ध कराया जाए। इसके लिए उन्होंने जिला आपूर्ति अधिकारी को निर्देशित किया कि वे स्थानीय गैस एजेंसियों के साथ बैठकें कर यह यह सुनिश्चित करें कि गरीब परिवारों को समय पर सब्सिडी के साथ गैस सिलेंडर मिलते रहें। उनके इन प्रयासों के चलते ग्राम पंचायत कोठी में बैंगा समाज के परिवारों को न केवल योजना का लाभ मिला, बल्कि वे इसके प्रभाव को अपने जीवन में महसूस भी कर रहे हैं।प्रधानमंत्री को धन्यवादबैंगा समाज के लोगों ने उज्ज्वला योजना के तहत गैस कनेक्शन मिलने पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया है। उन्होंने कहा कि यह योजना उनके जीवन में एक महत्वपूर्ण बदलाव लेकर आई है, और इसके लिए वे सरकार और प्रशासन के आभारी हैं। इस योजना के कारण उन्हें लकड़ी के धुएं से मुक्ति मिली है और वे अब स्वच्छ और सुरक्षित तरीके से खाना पका पा रहे हैं।