ग्रामीणजनों को समय पर पेयजल मिले यही ध्येय होना चाहिए
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी व जल मिशन के कार्यो की समीक्षा
(विदिशा) कलेक्टर श्री बुद्धेश कुमार वैद्य ने मंगलवार को लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी व जल मिशन के कार्यो की समीक्षा की। उन्होंने विभागीय अधिकारियों के साथ-साथ संबंधित ठेकेदारो से कहा है कि ग्रामीणजनों को समय पर पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित हो यही ध्येय हम सबका होना चाहिए। छोटे-छोट कार्यो के कारण नल जल योजना के संचालन में अवरूद्ध नहीं होना चाहिए।
कलेक्टर श्री वैद्य ने विभागीय अधिकारियों व ठेकेदारो से कहा कि आपसी समन्वय स्थापित कर नलजल योजना के कार्य समय पर पूरे हो। उन्होंने समीक्षा बैठक के दौरान बिजली संबंधी दिक्कतो के समाधान के लिए ऊर्जा विभाग के अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए है साथ ही अपने स्तर पर पाक्षित अवधि में समीक्षा करें ताकि बिजली आपूर्ति सुविधा चालू कराने के कारण कोई भी नलजल योजना में विलम्ब ना हो। अनेक ठेकेदारो के द्वारा राशि जमा की गई है इसके बावजूद समय पर उन्हें बिजली की आपूर्ति नहीं होने के कारण नलजल योजनाओं के लाभ से ग्रामीणजन वंचित रह रहे है।
कलेक्टर श्री वैद्य ने कहा कि जिले में कहीं पेयजल संकट ना हो को ध्यानगत रखते हुए नई-नई योजनाओं के लिए शासन द्वारा राशि दी जा रही है किन्तु समय पर हम कार्य पूरा नहीं करा पाने के कारण लागत में वृद्धि हो जाती है। इन सबके पीछे ठेकेदारो पर सतत निगरानी नहीं रखने तथा उनकी मूलभूत कार्यो से संबंधित समस्याओं का समाधान नहीं होना पाया गया है। कलेक्टर श्री वैद्य ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधिकारियों को सख्त हिदायत देते हुए उन्हेें आपसी समन्वय के स्त्रोत के रूप में कार्य करने की सीख दी है। भ्रमण कर योजनाओं की अद्यतन स्थिति से बाखिफ हो और छोटी-छोटी समस्याओं के कारण सम्पूर्ण नलजल योजना प्रभावित ना हो का विशेष ध्यान रखा जाए।
कलेक्टर श्री वैद्य ने बिजली विभाग के अधिकारियों को सचेत करते हुए कहा कि जब ठेेकेदार द्वारा बिजली आपूर्ति के लिए समुचित प्रपत्रों के साथ-साथ राशि आॅन लाइन जमा कर दी जाती है तो फिर राशि जमा कराने की सूचना से पुनः लिखित अवगत कराने की परम्परा क्यों है। उपरोक्त व्यवस्था में सुधार लाने की प्रक्रिया अपनाई जाए।
जिला पंचायत सीईओ डाॅ योगेश भरसट ने बताया कि ग्रामो की नलजल योजना के कार्य सम्पूर्ण होने के उपरांत विशेष ग्राम सभा के माध्यम से विशेष ग्रामसभा में प्रस्ताव रखे जाए और जल सुरक्षा समिति के अनुमोदन उपरांत ग्राम पंचायत को सुपुर्द की जाए। उन्होंने बताया कि जिले में अब तक 155 नल-जल योजनाएं विभागीय आंकडो के अनुसार पूर्ण हो चुकी है इन नलजल योजनाओं का ग्राम सभा के माध्यम से सत्यापन कराया गया है जिसमें से मात्र 40 नलजल योजनाएं सुचारू रूप से संचालित होना पाए जाने पर ग्राम पंचायत द्वारा अधिपत्य मंे ली गई है। उन्होंने कहा कि सात जून के बाद नल जल योजनाओं के अधिपत्य हेतु विशेष ग्रामसभाओं का पुनः आयोजन किया जाएगा ताकि जल सुरक्षा समिति के समक्ष सम्पूर्ण विवरण रखा जा सकें और नलजल योजना अधिग्रहण की स्थिति में है कि नहीं का निर्णय समिति द्वारा लिया जा सकें। बिजली विभाग की कुछ समस्याएं ऐसी है जिनका निदान आपसी समन्वय से हो सकता है। सम्पर्क गेप होने के कारण ऐसी समस्या बनी हुई है।
बैठक में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के द्वारा उपलब्ध कराए गए दस्तावेंजो के आधार पर बतलाया गया कि ग्रामीण क्षेत्रों में कुल 11260 हेण्ड पंप स्थापित है जिसमें से 10954 क्रियाशील है वहीं 306 विभिन्न कारणो से बंद है। जिले में कुल 357 नलजल योजनाएं स्थापित है जिसमें से 348 क्रियाशील है। इसी प्रकार जल मिशन के अंतर्गत 539 योजनाएं प्रगतिरत है। इन योजनाओं का कार्य लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के द्वारा किया जा रहा है। जल निगम के पूर्ण, प्रगतिरत कार्यो की ग्राम संख्यावार जानकारियां उपलब्ध कराई गई है। इस दौरान बतलाया गया कि जल मिशन के अंतर्गत रेट्रोफिटिंग व नवीन कुल 256 योजनाएं पूर्ण हुई है जिसमें रेट्रोफिटिंग की 127 व नवीन 129 शामिल है जबकि 283 योजनाएं प्रगतिरत है। समीक्षा बैठक में मध्यप्रदेश जल निगम पीआईयू के कार्यो की भी समीक्षा की गई है। कलेक्टेªट के बेतवा सभागार कक्ष में आयोजित इस बैठक मंें लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कार्यपालन यंत्री श्री संतोष साल्वे सहित विभागीय अन्य अधिकारी व ठेकेदार मौजूद रहें।