मनरेगा योजना के तहत महिला के खेत में बनाया गया खेत तालाब
खेत तालाब का मिला सहारा, अब बेहतर जीवन जी रहा शीलारानी का परिवार
मछली पालन के साथ ही उगा रहीं सब्जी, हर माह हो रही अच्छी आय
(कटनी) – राष्ट्रीय महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना कई परिवारों की आजीविका साधन भी बन रही है। आजीविका संवर्धन के माध्यम से परिवारों के जीवन यापन के साधनों को सशक्त कर योजना ने उन्नति के द्वार खोले हैं। कोविड कॉल के लॉकडाउन में भी कई हितग्राहियों को विपरीत परिस्थितियों में मनरेगा ने सहारा दिया है और आज वे अपने परिवार का भरण पोषण अच्छे ढंग से कर पा रहे हैं। ऐसी ही कुछ कहानी है जिले की जनपद पंचायत रीठी के ग्राम पंचायत घुघरा निवासी शीलारानी पति हृदय सिंह की। लॉक डाउन में जब लोग रोजी-रोटी की चिंता करते हुए घरों में बैठे थे, ऐसी परिस्थिति में मेहनती किसान शीलारानी ने अपने खेत तालाब में न सिर्फ मछली का उत्पादन प्रारंभ किया बल्कि खेत तालाब के आसपास की भूमि पर सब्जियां उगाकर उससे भी अतिरिक्त आय प्राप्त की। महामारी के विपरीत हालातों के बीच अब महिला का चार सदस्यीय परिवार आराम से गुजर बसर कर रहा है।
घुघरा निवासी हितग्राही शीलारानी सिंह ने खेत तालाब निर्माण के लिए आवेदन दिया था। जनपद पंचायत रीठी द्वारा उनके आवेदन पर विचार करते हुए वर्ष 2021 में उसकी तकनीकी स्वीकृति दी। प्रशासकीय स्वीकृति के साथ ही जुलाई 2021 से 2 लाख 93 हजार रूपये की लागत से मनरेगा अंतर्गत शीलारानी के खेत तालाब को खोदने की स्वीकृति दी गई। खेत तालाब हितग्राही शीलारानी व उसके परिवार के सदस्यों के साथ अन्य ग्रामीणों को 1712 मानव दिवसों का सीधा रोजगार प्राप्त हुआ। निर्माण कार्य में शीलारानी व परिवार के सदस्य ने भी काम किया और 13 हजार 212 रूपये मजदूर के रूप में प्राप्त किए।
धान की फसल व मजदूरी थी आय का जरिया
शीलरानी के खेत तालाब निर्माण से पहले उनके परिवार की आय का जरिया सिर्फ धान की खेती थी और उसके बाद परिवार मजदूरी करके अपना भरण पोषण करता था। जब खेत तालाब का निर्माण हुआ तो हितग्राही ने धान की खेती के साथ ही मछली पालन भी करना प्रारंभ कर दिया। खेत तालाब के आसपास सब्जियां व फलों के पेड़ भी लगाए। खेत तालाब के माध्यम से परिवार ने आजीविका को स्थाई व सशक्त बनाया। लॉक डाउन में जहां सब्जी की पैदावार को शीलारानी के परिवार ने बाजार में बेचा तो वहीं जरूरतमंद परिवारों को भी सब्जी उपलब्ध कराई।