मध्यप्रदेश हिंदी ग्रंथ अकादमी को बनाया जाएगा आत्मनिर्भर : मंत्री श्री परमार

बाजार में भी स्थापित होंगे अकादमी की पुस्तकों के बिक्री केंद्र
अकादमी में रिक्त पदों की पूर्ति शीघ्र सुनिश्चित करने के निर्देश दिए
“मप्र हिंदी ग्रंथ अकादमी कार्यसमिति एवं प्रबंधक मंडल” की बैठक हुई

(भोपाल) उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा एवं आयुष मंत्री श्री इन्दर सिंह परमार की अध्यक्षता में मंत्रालय में मंगलवार को “मध्यप्रदेश हिंदी ग्रंथ अकादमी कार्य समिति एवं प्रबंधक मंडल” की बैठक हुई।

उच्च शिक्षा मंत्री श्री परमार ने कहा कि अकादमी को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में सतत् कार्य किए जाएं। श्री परमार ने अकादमी को आर्थिक रूप से सशक्त करने, समय पर पुस्तकें प्रकाशित करने तथा विद्यार्थियों के हितों को ध्यान में रखते हुए बाजार में भी अकादमी की पुस्तकों की बिक्री केंद्र स्थापित करने के निर्देश दिए। श्री परमार ने अकादमी द्वारा प्रकाशित द्विमासिक रचना पत्रिका में समसामयिक आलेख, विश्वविद्यालय महाविद्यालय तथा उच्च शिक्षा विभाग की गतिविधियों की जानकारी के साथ प्रकाशित करने के निर्देश दिए।

बैठक में पिछली बैठक की कार्यवाही के पालन प्रतिवेदन की पुष्टि हुई एवं वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट का अनुमोदन भी किया गया। साथ ही अकादमी में दैनिक वेतन पर कार्यरत कर्मचारियों को स्थाई बनाने, संविदा कर्मचारियों को समकक्षता प्रदान करने तथा स्वीकृत रिक्त पदों को शीघ्र भरने एवं अकादमी के संविधान में संशोधन कर समसामयिक बनाने का भी निर्णय लिया गया। अकादमी के संचालक श्री अशोक कड़ेल ने विचारणीय विषयों का प्रस्तुतिकरण दिया। बैठक में विभिन्न विश्वविद्यालय के कुलगुरु एवं कार्यसमिति सदस्यों ने भी विचार साझा किए। हिंदी भाषा के समग्र प्रचार प्रसार एवं व्यापकता को लेकर विस्तृत विमर्श हुआ।।

मंत्री श्री परमार ने मध्यप्रदेश हिंदी ग्रंथ अकादमी से प्रकाशित एवं लेखक डॉक्टर मनोहर भंडारी की पुस्तक “भारतीय ज्ञान परंपरा और समग्र स्वास्थ्य” का विमोचन भी किया।

बैठक में आयुक्त उच्च शिक्षा श्री निशांत वरवड़े एवं मध्यप्रदेश हिंदी ग्रंथ अकादमी के संचालक श्री अशोक कड़ेल सहित विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलगुरू, कार्यसमिति की सदस्यगण एवं उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

Share this:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

यह भी देखें