पटरी पर आयी विद्युत आपूर्ति, मांग के अनुरूप पूरी क्षमता से शुरू हुआ थर्मल प्लांट

(रायबरेली) कोयला संकट से बदहाल नौ राज्यों की विद्युत आपूर्ति में लगातार सुधार हो रहा है। कोयले की रैक की जहां से तेज़ी से आवक हो रही है, वहीं एनटीपीसी की मांग के अनुरूप पूरी क्षमता से चलाया जा रहा है। उत्तर भारत का प्रमुख थर्मल पॉवर प्लांट रायबरेली के एनटीपीसी इकाई में मांग के हिसाब से पूरी क्षमता से उत्पादन हो रहा है, यहां की पांच यूनिटों में उत्पादन शुरू कर दिया गया है। सबसे बड़ी 500 मेगावॉट की छठवीं यूनिट को भी शुरू कर दिया गया है। केवल एक 210 मेगावॉट की यूनिट को मरम्मत के लिए बंद किया गया है। क़रीब 1200 मेगावॉट की रोज़ाना विद्युत उत्पादन किया जा रहा है। दूसरी ओर कोयले के आपूर्ति में भी निरंतर सुधार हो रहा है। रोज़ाना क़रीब 5 रैक की आवक हो रही है और 20 से 25 हज़ार मीट्रिक टन कोयला प्लांट को मिल रहा है,जिसके बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि कोयला संकट को लेकर एनटीपीसी और कोल इंडिया के अधिकारियों की आपसी बातचीत कई दिनों से लगातार चल रही थी और केंद्र सरकार के भी इसको लेकर कड़े निर्देश थे। मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी ऊंचाहार के एनटीपीसी जीएम से वीडियो कांफ्रेसिंग से बातचीत की थी और जल्द सुधार करने के निर्देश दिए थे। ग़ौरतलब है कि रायबरेली के ऊंचाहार में स्थित एनटीपीसी के थर्मल पॉवर प्लांट से उत्तर भारत के 9 राज्यों को बिजली की सप्लाई की जाती है।
उतरप्रदेश, पंजाब, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा,दिल्ली सहित अन्य राज्यों को एनटीपीसी से सीधे बिजली दी जाती है। हालिया कोयला संकट से विद्युत उत्पादन बुरी तरह से प्रभावित हुआ था और पूरा प्लांट आधे से कम भार पर चल रहा था, जिससे इन राज्यों में बिजली की किल्लत मच गई थी। हालांकि एक सप्ताह के भीतर ही इसमें उल्लेखनीय सुधार देखने को मिला है और विद्युत आपूर्ति पटरी पर आ गई है।
एनटीपीसी की जनसंपर्क अधिकारी कोमल शर्मा ने बताया कि पांच यूनिटों से उत्पादन किया जा रहा है। मांग के अनुरूप बिजली बनाई जा रही है। कोयले की रैक और बढ़ाने को लेकर भी बातचीत की जा रही है।
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