मध्यप्रदेश में शिक्षकों के एक लाख से अधिक पद खाली, 20 हजार अतिथि शिक्षकों की होगी नियुक्ति

(भोपाल) मध्यप्रदेश में शिक्षकों के एक लाख से अधिक पद खाली हैं। वह भी शैक्षणिक सत्र के डेढ़ माह (अप्रैल और जून के 15 दिन) निकलने के बाद। ऐसे में सरकारी स्कूलों में बेहतर पढ़ाई की उम्मीद करना बेमानी है। दरअसल, अभी 40 हजार अतिथि शिक्षक कार्यरत हैं। स्कूल शिक्षा विभाग 20 हजार अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति तो कर रहा है, पर उससे भी बात बनने वाली नहीं है क्योंकि 40 हजार से अधिक पद फिर भी खाली रह जाएंगे।

इतना ही नहीं, यह अतिथि शिक्षक भी कब स्कूलों में पहुंचेंगे और पढ़ाई शुरू कराएंगे, कहना मुश्किल है। जबकि कोरोना के चलते दो साल बाद स्कूल पहुंच रहे विद्यार्थियों को अतिरिक्त पढ़ाई की जरूरत है। ज्ञात हो कि खाली पद पदोन्न्ति और सीधी भर्ती से भरे जाने हैं।

स्कूल शिक्षा विभाग में हर साल औसत पांच हजार शिक्षक सेवानिवृत्त हो रहे हैं। पिछले छह साल का आंकड़ा ही देखें तो 30 हजार शिक्षक सेवानिवृत्त हो चुके हैं। वहीं पदोन्नति के पद भी नहीं भरे जा रहे हैं और नई भर्ती भी नहीं हो रही है। ऐसे में शिक्षक कम होना लाजिमी है। दिक्कत इस बात की भी है कि इनमें से ज्यादातर गणित, अंग्रेजी व विज्ञान विषय के शिक्षकों के पद हैं और विद्यार्थी इन्हीं विषयों में कमजोर भी हैं। इस कमी का सीधा असर विद्यार्थियों के परीक्षा परिणाम में देखने को मिलेगा।

अतिथि शिक्षकों की भर्ती हेयू लिये गये आवेदन

दो साल स्कूल नहीं खुले। ऐसे में विभाग ने न तो खाली पदों का आकलन किया और न ही अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति। अब जब शैक्षणिक सत्र के डेढ़ माह निकल गए हैं, तो अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति की जा रही है। विभाग ने 20 हजार पदों के लिए 30 जून 2022 तक आवेदन लिए हैं। इसके बाद नियुक्ति की लंबी प्रक्रिया है, जिसमें एक माह लग सकता है। तब तक स्कूलों में पढ़ाई दोहराने (रिवीजन) का समय शुरू हो जाएगा। यानी पढ़ाई फिर भी मुश्किल ही है।

पदोन्नति के पद भी खाली

माध्यमिक शिक्षक संवर्ग में पदोन्नति के करीब 45 हजार पद खाली हैं। ऐसे ही उच्चतर माध्यमिक शिक्षक संवर्ग के 50 प्रतिशत पदोन्नति के होते हैं, जो खाली हैं।

पूरी क्षमता से नहीं खुले स्कूल

वर्ष 2020 में शैक्षणिक सत्र शुरू होने से पहले ही कोरोना ने दस्तक दे दी थी। लाकडाउन लगने के कारण स्कूल बंद रहे। वर्ष 2021 की शुरुआत में भी ऐसे ही हालात रहे। अक्टूबर में स्कूल खुले भी, तो पूरी क्षमता से नहीं। ऐसे में विद्यार्थी घर रहकर ठीक से पढ़ाई नहीं कर पाए और वे पढ़ाई में कमजोर हो गए हैं।

इनका कहना है

“अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति जल्द ही हो जाएगी। नियुक्ति के लिए प्रशासकीय अनुमोदन मिल गया है। तकनीकी समस्या के कारण आवेदन मंगाने में देरी हुई है।

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