झपावन नदी के कुंड में ग्यारह सौ जवारे कलशो का हुआ बिसर्जन
(विजयराघवगढ) बिगत वर्षों की भांति चैत शुक्ल प्रतिपदा से राज कोठी प्रांगण में विशाल महाकाली की प्रतिमा स्थापित कर नगर की युवाओं द्वारा 9 दिन लगातार विशेष पूजन अर्चन किया गया जिसमें प्रत्येक दिन प्रात से विशेष पूजन अर्चन एवम शाम को विशेष कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता रहा है। विशेष प्रतिमा के आकर्षण व स्वरूप की समूचे नगर में चर्चा का विषय रहा। नवमी को पुजनोंपरात हवन भंडारा का आयोजन किया गया।देर शाम
विशाल झाकी ढोल ढमाको की धुन के साथ युवाओं का नृत्य वा आकर्षक आतिश बाजी के साथ जुलूस का महानदी में समापन हुआ। नगर के जवारे कि लिए महिलाओ के साथ नगर के मेन रोड से महाकाली वा खप्पर का विशेष नृत्य बंजारी माई। मंदिर तक चलता रहा।जिसे देख तमाम जन भाव विभोर हो गए।
बंजारी माई प्रांगण में ग्यारह सौ जवारे कलशो का हुआ बिसर्जन
मां बंजारी मंदिर प्रांगण में चैत्र प्रतिपदा से जवारे रोपित कर लगातार 9 दिवस पूजा अर्चना कर जय शुक्ल पक्ष नवमी को विशाल भंडारा के उपरात संध्या को समस्त नगर में रोपे जवारा कलश मंदिर प्रांगण में एकत्र हुए।जिनका पंडा द्वारा शास्त्रोक्त विधि से पूजन कर झपावन नदी के कुंड में विसर्जन किया गया। जहा क्षेत्र भर से आए हजारों भक्त जनों की उपस्थिति रही।
✍️ (जागेश्वर मिश्रा)
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विजयराघवगढ़