दिव्‍यांग परिवार के लिये संजीवनी बनी मनरेगा, भरण पोषण का मिला सहारा

*सुखनंदी के जुनून और हौसले में पत्नी सीमा ने भी की सहभागिता, भरण पोषण का मिला सहारा*
(कटनी)- महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रामीणों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाने हेतु विभिन्न प्रकार के निर्माण कार्यों को संचालित किया जा रहा है। जनपद क्षेत्र रीठी की ग्राम पंचायत सिमराकला में सुखनन्‍दी आदिवासी जॉबकार्ड नम्‍बर 344-ए के लिये मनरेगा योजना वरदान के रूप में साबित हुई है। उल्‍लेखनीय है कि ग्राम पंचायत में मनरेगा योजना से प्रगतिरत कार्यों में वित्‍तीय वर्ष 2022-23 में अब तक 99 दिवस का कार्य किया है। 1991 में जन्मे सुखनंदी 12वीं उत्तीर्ण है। दिव्यांग सुखनंदी के हौसले और जुनून में उनकी पत्नी सीमा बाई ने कंधे से कंधा मिलाकर सहभागिता की। ग्राम पंचायत में अमृत सरोवर योजना, पुष्‍कर धरोहर योजना कंटूर ट्रैंच, बृक्षारोपण तथा नाडेप टांका सहित अन्‍य हितग्राही एवं सामुदयिक मूलक कार्यों में पत्‍नी सीमाबाई के साथ योजना अंतर्गत कुशल श्रम का कार्य किया गया है कार्य में सुखनंदी द्वारा मजदूरों को कार्यस्‍थल पर उपयंत्री द्वारा बताये गये तकनीकी मार्गदर्शन से कार्य कराने एवं उपस्थित श्रमिकों की उपस्थिति दर्ज कराये जाने में कार्य एजेन्‍सी का सहयोग किया गया तथा पत्‍नी सीमाबाई के द्वारा अकुशल श्रमिकों के साथ संयुक्‍त रूप से कार्य करते हुये स्‍थानीय स्‍तर पर ही 100 दिवस का कार्य प्राप्‍त किया गया है। जनपद पंचायत रीठी के मुख्‍य कार्यपालन अधिकारी ज्ञानेन्‍द्र कुमार मिश्रा एवं एपीओ मनरेगा अजीत सिंह के द्वारा ग्राम पंचायत सिमराकला में भ्रमण के दौरान दिव्‍यांग श्रमिकों को मनरेगा के प्रावधानों के अनुरूप प्राथमिकता से कार्य उपलब्‍ध कराने के निर्देश दिये गये थे। निर्देश के अनुक्रम में ग्राम रोजगार सहायक ग्राम पंचायत सिमराकला संत कुमार राय, उपयंत्री अनिल कुमार जाटव ने तत्‍परता बरतते हुये वित्‍तीय वर्ष के दौरान दिव्‍यांग परिवार को 100 दिवस का रोजगार उपलब्‍ध कराया है।  पत्‍नी सीमाबाई भी दिव्‍यांग होने के कारण कार्य स्‍थल पर आने वाले 05 वर्ष के कम उम्र के बच्‍चों की देखरेख करने के साथ-साथ उनके रखरखाव तथा कार्य करने वाले श्रमिकों को कार्यस्‍थल पर शुद्ध पेयजल उपलब्‍ध कराये जाने एवं अन्‍य आवश्‍यक सहयोग किये जोन में बडी उत्‍सुकता के साथ कार्य किया गया।
उल्‍लेखनीय है कि दिव्‍यांग श्रमिकों को शत-प्रतिशत शारिरिक क्षमता अनुसार भौतिक रूप से कार्य दिये जाने की समीक्षा आयुक्‍त म0प्र0 रोजगार गारंटी परिषद एवं भारत सरकार द्वारा नियमित रूप से की जा रही है। बुधवार को ग्राम पंचायत सिमराकला में भ्रमण के दौरान मुख्‍य कार्यपालन अधिकारी श्री मिश्रा ने दिव्‍यांग  सुखनंदी आदिवासी से संवाद करते हुये योजना में अब तक किये गये कार्य की जानकारी ली। सुखनंदी द्वारा बताया गया कि मुझे एवं मेरी पत्‍नी को 15390/- रूपये का भुगतान प्राप्‍त हेा चुका है उक्‍त राशि प्राप्‍त होने से मुझे परिवार के पालन पोषण में सहायता प्राप्‍त हुई है। सुखनंदी द्वारा मनरेगा योजना को संजीवनी बताते हुये इसे और भी सहज सरल एवं एक वर्ष में 150 दिवस प्रत्‍येक परिवार को रोजगार उपलब्‍ध कराने की चर्चा की गई।
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